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इंग्लिश बोलने का सबसे आसान तरीका (1st chapter)

 इंग्लिश बोलना सीखे 1.जैसे कोई भी काम आप अपनी ज़िंदगी में हमेशा करते रहते है ! मान लीजिए आप अपनी ज़िंदगी मे ब्रश रोज करते है, या सोते है ,सोकर उठ जाते है , खेलते है या कुछ भी जो करना ही करना होता है तो उसके लिए आपको कैसे बोलना है वो देखिये नीचे लेकिन बता दु की आपको उस से पहले I, you , we , they,  he , she, it , या किसी भी subject के बारे में पता होना चाहिए अब subject वो होता है जो इन सब कामो को करता  है या करेगा या जिसके द्वारा ये काम किया जाता है उदाहरण के लिए जैसे मान लीजिये मैं खाना खाता हूं। यहां पर subject मै हूँ क्योंकि खाना मेरे द्वारा खाया जाता है। अब कुछ subjects  याद कर लीजिए। I - मैं You- आप We-  हम They- वे He- वह She- वह( लड़कियो के लिए)  अब आते है उस बात पर जिस से शुरू किया था की अगर कोई काम आप अपनी ज़िंदगी मे करते रहते है तो उसको कैसे इंग्लिश में बोलेंगे Subject+ verb 1st form  Subject   तो समझ गए अब  verb  समझिये verb  वो क्रिया होती है या वो काम होता है जो किया जाता है इंग्लिश में इसकी 3 forms  होती है  अभी इतना समझे यहां पर आपको subject   के साथ बस verb  का

कौन थे महान चाणक्य ?

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कौन थे महान चाणक्य ?     , ब्राह्मण जाति के लोग चाणक्य को अपना पथ निर्देशक मानते है ये ही नहीं इसके अलावा राजनीती से जुड़े लोग तो इनकी नीतिओ के उपयोग से सफल भी होते है बड़े ही शर्म से लिखना पड़ रहा है बावजूद इसके आज भी काफी लोग चाणक्य के बारे में नहीं जानते और जो जानते है मैंने तो उन्हें इनका ज़िक्र करते हुए नहीं सुना जिस व्यक्ति ने इतिहास में सबसे बड़े राजनीती ,समाज शास्त्री एवं अर्थशास्त्री की उपाधि पाई है उनके बारे में पता न होना तो शर्म का आभास करवाता ही है साथ के साथ जीवन व्यापन करने के कुछ महत्वपूर्ण तरीको से उन लोगो को भी दूर कर देता है जो या तो इनके बारे में जानते नहीं या फिर लोगो को इनके बारे में समझने में असमर्थ है ! तो दोस्तों आज मैं आपको अपने इस लेख के माध्यम से चाणक्य के बारे में कुछ महत्व पूर्ण बातें बताने जा रहा हु आशा करता हु आप लोग समझ पाएंगे की मैं क्या समझाना चाहता हु ! चाणक्य का जन्म एवं परिवार – इतिहास के महान राजनीतिज्ञ चाणक्य का जन्म लोगो द्वारा तीसरी या चौथी शताब्दी ईसा पूर्व मन जाता है ! उनका जन्म एक गरीब ब्रा

आत्मविश्वास

आत्मविश्वास - एक शक्ति आत्मविश्वास आत्मविश्वास- यह एक ऐसा शब्द है जिसके बारे में हम अक्सर सुनते आये है   कभी अपनी कक्षा, कभी किसी प्रवचन या किसी भी उस आदमी से जो जीवन में हमे आगे बढ़ने की बात सिखाता है ! पर क्या हम सच में इस शब्द का असली महत्व जानते है , खुद पर विश्वास होना आत्मविश्वास कहलाता है पर ज्यादा लोगो को या तो होता नहीं या जरूरत से ज्यादा होता है मैं भी शायद इसी में से एक हूँ ! आत्मविश्वास की शक्ति से हम काफी मुस्किल काम को भी आसान कर सकते है , वजह ये है की आत्मविश्वास बढ़ने पर इन्सान की मेहनत और लगन खुद ही बढ़ जाती है जब उसे खुद पर भरोसा होने लगता है तो वो सोचता है की की मैं ये काम अवश्य ही कर लूँगा ! पर क्या आप जानते है की आत्मविश्वास का मजबूत रखना जितना मुस्किल है उतना ही आसान है इसका टूटना ! आत्मविश्वास कभी कभी तो बार बार नाकामयाब होने से भी टूट जाता है पर ज्यादातर हमारे आस पास के समाज की वजह से लोगो का आत्मविश्वास टूट जाता है   जो आपके किसी काम में हस्त्क्षेप करने से पहले ही आपको उसके काबिल न होने का एहसास करा देते है   मेरे लिए तो यह बातें अहम् है की लोगो के कुछ भी बोलने

संघर्ष बिना कुछ भी नहीं, कर्म और किस्मत !

इस संसार में एक बात अनोखी है की इस संसार में क्षमताये सभी के पास समान है और क्षमता के अनुरूप काम का स्तर अधिक बढ़ कर है इसी कारन हर स्तर और हर उम्र का आदमी संघर्ष करता रहता है ,चाहे वह छोटा बच्चा हो या बड़ा ! चाहे छोटे पद पर हो या बड़े पद पर हो ,संघर्ष हर  स्तर पर है !इस दुनिया का कोई भी काम ऐसा नहीं है जो किसी भी आदमी की क्षमता से बढ़कर हो! जो आदमी जितनी मेहनत करता है वो खुद में उतना निखार  लेके आता है  लोग अपनी हाथो की रेखाओ पर अपनी मेहनत से ज्यादा भरोसा करते है !  किसी ने कहा है की हाथ की रेखा मेहनत करने के साथ साथ गहरी होती है आज कल के नौजवान लोग किस्मत पर ज्यादा भरोसा करने लगे है कर्म पर नहीं करते उनको ये लगता है जो उन्हें आता है वो बहोत ज्यादा है! आज जो उनके लिए काम कर रहा है वो उनके लिए उनसे कमजोर या कम पढ़ा लिखा है पर सच तो यह है दोस्तों की दुसरो को छोटा समझने वाला खुद बहुत छोटा है ! वो नहीं सोचते की वो जो आपके लिए काम कर रहा है वो अपने जीवन में संघर्ष कर रहा है और जो उनके लिए काम कर रहा है वो भी उस संघर्ष को सही समय पर करता तो शायद आज उसकी जगह बैठा होता ! मैं आज आपको किस्मत और कर्म

satya shanti vachan (30)

1     Agar aap hmesha khud ki tulna dusro ke sath karte rahte hai,            Toh aap jaroor ahankari ya irsyaay ke shikar ho jayenge, 2       acchii pustake hamare acche doston ki tarah hai,         Aslil sahitya hamare man ko dusit karta hai aur        Hame galat raste par jane ko majboor karta hai! 3     samasyay kaisi bhi ho inse ghabaraiye mat’        Inko pariksha samajh kar pass kijiye! 4     jeevan ko aabad karna hai toh main kaun hoon?        Is paheli ko hal kijiye !       Main aur mere pan ke bhaav se mukt ho jaiye! 5     gyaan sabse bada dhan hai,        Khud se puchhe-‘main kitna dhanwan hoon’! 6      yadi apke man se gande bol nikalte hai,        Toh apka man kaisa hoga? 7     hamare vachan chahe kitne hi acche kyo na ho       Par duniya hume humare karmo se pahchanti hai! 8     yadi aap mrityu se darte hai toh iska       Arth hai ki aap apne jeevan ko       Bikul mahatwa nahi dete! 9   aap apne adhikaro ko lekar hi jagrook nahi rah