आत्मविश्वास
आत्मविश्वास - एक शक्ति
आत्मविश्वास
आत्मविश्वास- यह एक ऐसा शब्द है जिसके बारे में हम अक्सर सुनते आये है कभी अपनी कक्षा, कभी किसी प्रवचन या किसी भी उस आदमी से जो जीवन में हमे आगे बढ़ने की बात सिखाता है ! पर क्या हम सच में इस शब्द का असली महत्व जानते है , खुद पर विश्वास होना आत्मविश्वास कहलाता है पर ज्यादा लोगो को या तो होता नहीं या जरूरत से ज्यादा होता है मैं भी शायद इसी में से एक हूँ !
आत्मविश्वास की शक्ति से हम काफी मुस्किल काम को भी आसान कर सकते है , वजह ये है की आत्मविश्वास बढ़ने पर इन्सान की मेहनत और लगन खुद ही बढ़ जाती है जब उसे खुद पर भरोसा होने लगता है तो वो सोचता है की की मैं ये काम अवश्य ही कर लूँगा ! पर क्या आप जानते है की आत्मविश्वास का मजबूत रखना जितना मुस्किल है उतना ही आसान है इसका टूटना ! आत्मविश्वास कभी कभी तो बार बार नाकामयाब होने से भी टूट जाता है पर ज्यादातर हमारे आस पास के समाज की वजह से लोगो का आत्मविश्वास टूट जाता है जो आपके किसी काम में हस्त्क्षेप करने से पहले ही आपको उसके काबिल न होने का एहसास करा देते है मेरे लिए तो यह बातें अहम् है की लोगो के कुछ भी बोलने पर हम उसके प्रति कैसा स्वभाव व्यक्त करते है अगर हम किसी काम को दिल से करना चाहते है तो हमे किसी से भी मिली नकारात्मक बातों को एक धार बना कर आगे बढ़ना चाहिए आज की कहानी भी इसी से प्रेरित है
तो ज्यादा समय न लेते हुए मैं कहानी शुरू करता हूँ उम्मीद करता हु आपको पसंद आएगी!
एक समय की बात है एक गाव था जहा बहुत खेती होती थी ! खेती की वजह से उस गाव में बहुत से कुए भी थे !
उसी गाव में दो बहुत गहरे मित्र रहते थे जिनकी उम्र में काफी फासला तो था पर उन्हें इस चीज़ की कभी परवाह नहीं थी !
दोनों में से एक उम्र 11 साल की थी उसका नाम सहज था और दूसरा 15 साल का था उसका नाम वनिस्क था , दोनों एक बार साथ में घुमने निकले , गर्मियों का मौसम था
बहुत कम लोग ही घर के बाहर निकलते थे , दोनों साथ में बगीचे की तरफ आम खाने की इच्छा से चल पड़े ! धूप बहुत तेज़ हो की वजह से वो जल्दी ही थक गए और उन्हें प्यास लग गयी
वो दोनों ही एक कुए के पास पहुचे वहा पानी पीने लगे पानी कुए से निकालते समय वनिस्क का पैर फिसल गया और वो कुए में गिर गया
उसको डूबता हुआ देख सहज ने आस पास मदद की गुहार लगायी पर जब कोई होता तब तो आता ! आस पास से कोई मदद न मिलने की वजह से सहज ने खुद ही अपने मित्र की मदद करने की सोची
उसने बाल्टी वाली रस्सी नीचे कुए में फेक दी , वनिस्क ने रस्सी पकड़ ली पर वनिस्क जानता था की उम्र में कम होने की वजह से और शारीरिक तौर पर कमजोर होने की वजह से वो उसे नहीं खीच पायेगा
पर सहज को कोई ऐसा विचार नहीं आया उसने वनिस्क को ऊपर खीच लिया ! दोनों गले मिले और गाव की तरफ वापस चल पड़े ! गाव जाकर जब सबको बताया की वनिस्क कुए में गिर गया था और सहज ने
उसे निकाल लिए तो कोई इस बात को नहीं मान रहा था और उसके विपरीत उनपर हसने लगे !
पर गाव के एक उम्र दराज बुज़ुर्ग ने उनकी इस बात को मान लिया और बोले की ऐसा हुआ है ये दोनों सत्य बोल रहे है ! सारे गाव वाले उनके पास गए और पूछा आप ऐसा कैसे कह सकते है तब वो बुज़ुर्ग बोले
बेशक सहज शारीरिक रूप से वनिस्क से कमजोर है और वो उम्र में भी उनसे छोटा है पर जिस समय वो वनिस्क को कुए से ऊपर खीच रहा था तब उसे किसी ने ये नहीं कहा था की तुम नहीं कर सकते या
तुम कमजोर हो ! बुजुर्ग का मानना था की जब तक कोई भी किसी को ये एहसास नहीं दिला देता की वो किसी कार्य को नहीं कर सकता तब तक वो उस कार्य को अपनी पूरी क्षमता से करेगा पर अगर कभी उन्हें ये
एहसास दिलाया जाये की वो इस काबिल ही नहीं तो उसकी हिम्मत जवाब दे जाएगी और वो उस काम को शायद करने से पहले ही त्याग दे !
तो दोस्तों हमेशा याद रखिये किसी भी काम को अपनी पूरी लगन और क्षमता से करे और कामयाब हो जाये किसी की भी नकारात्मक बातों पर ध्यान ना दे ! नकारात्मक बातें वो ही बोलते है जो खुद किसी काबिल नहीं होते उन्हें ये लगता है “जो वो नहीं कर पाया वो मैं कैसे कर पाउँगा “ अपने जीवन में बस इस कथन से दूर रहे और वो सब करे जो आप करना चाहते है एक बार नहीं होगा दो बार करे बार बार करे एक बार निश्चित कामयाब हो जायेंगे !
धन्यवाद
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