STORY OF SOUTH PARK STREET CEMETRY





























STORY OF SOUTH PARK STREET CEMETERY(साउथ पार्क स्ट्रीट सेमेट्री की कहानी)


कोलकाता के मदर टेरेसा सारणी रोड पर स्थित साउथ पार्क सेमेट्री को कोलकाता की सबसे डरावनी जगहों में से एक माना जाता रहा है ! इस जगह का खौफ इतना ज्यादा बढ़ गया था एक समय पर की कोई भी अकेले जाने की हिम्मत नहीं कर पाता,और क्यों न हो जगह ही शांत और भयानक है, वैसे सुरक्षा कर्मी वहाँ मौजूद रहते है ! अभी भी कुछ सैलानी अपने पूर्वजो को ढूंढने या उनको पुष्प अर्पित करने के लिए यहाँ आते है ! इस जगह के शांत होने की वजह से या चहल-पहल कम होने की वजह से ये नशे करने वाले लोगो का केंद्र बन गया था !
1767 में बनाये गए इस सेमेट्री को 1790 में बंद कर दिया गया था, तब तक लग-भग 1600 लोगो को इसमें दफनाया गया , पार्क स्ट्रीट सेमेट्री दुनिया की सबसे पुरानी गैर-चर्च सेमेट्री में से एक थी,और शायद 19वी शताब्दी में यूरोप और अमेरिका के बाहर सबसे बड़ी सेमेट्री हुआ करती थी!
टॉलीवुड की एक बंगाली फिल्म यही फिल्माई गयी थी जो सत्यजीत रे के उपन्यास पर आधारित थी! लोगो के द्वारा इस सेमेट्री को भूतिया या डरावना बताने की बात कहाँ तक सच है इस बात की पड़ताल करने के लिए , मैं और मेरे दो दोस्तों ने वहां जा के इस बात के सच को जानने का सोचा ! मैं ही अपने दोस्तों में सबसे छोटा था !
हम दिल्ली से ट्रेन लेकर यू.पी.,बिहार के रास्ते बंगाल के कोलकता में पहुचे , स्टेशन पर ही खाने पीने और बाकि कुछ सामान के खर्च से हमने अंदाज़ा लगा की हमारा ज्यादा खर्च नहीं होने वाला हम वहां के एक अच्छे होटल में रुके (विसिटेल-अ बुटीक) !वहां खाना खाकर आराम किया शाम को अपने बनाये योजनानुसार बाहर घुमने चल दिए ! कोलकाता शाम को और भी खूबसूरत लग रहा था ! चारो तरफ चका चौंध थी ,काफी लोग अपने काम से घर को लौट रहे थे ! हम लोग पास में बने शमशान घाट के पास पहुचे !  भूत-पिसाच को जानने और उनके स्वाभाव को समझने की जिज्ञासा में हम लोग शमशान में गए,वहां पर रहने वाले एक व्यक्ति से बात करने लगे! पूछने पर बताया की वो वहां पर 16 साल से काम कर रहे है! उनका मानना था की जो भी उन्होंने वहां आभास किया वो महज एक वहम था ! अक्सर वहां आवाज़े आती थी जो शायद आस पास घुमने वाले जानवरों की होती थी ऐसा उनका मानना था, हम उनके इस जवाब से संतुष्ट नहीं थे !हम खुद अन्दर जाके देखना चाहते थे की शमशान में ऐसी कोई घटना घटती है या नहीं !
हम सब साथ में अन्दर जाने की कोशिश करने लगे पर उस व्यक्ति ने रोक लिया बहुत मनाने के बाद कुछ पैसे लेकर हमें अन्दर जाने की इजाजत दे दी !
हम अन्दर गए वो शमशान अँधेरे में बहुत सुनसान और डरावना लग रहा था! हम वहां घुमने लगे 2 घंटे वहां समय बिताने के बाद के बाद वहा ऐसा कुछ भी नहीं लग रहा था ! पर हां एक बात तो सच थी की जब भी हम सब आगे की तरफ बढ़ रहे थे हमे ऐसा लगता की हमारे साथ साथ कोई आगे बढ़ रहा है पर वहा टोर्च से देखने पर कुछ नहीं दिखता ! हम! अपने होटल वापस आ गये, होटल में हमे एक स्टाफ ने बताया की यहाँ एक लडकियो का समूह भी रुका है,वो भी सेमेट्री में जाने की बात कर रहा था! यह बात सुनते ही हमारा ही हमने उनसे बात की और फैसला किया की उनका समूह और हम लोग साथ ही जायेंगे ! मेरे मन में ख़ुशी के लड्डू फूट रहे थे फूटे भी क्यों ना लडकिया भी साथ जाने वाली थी!
अगले दिन हम लोग साथ ही होटल से निकले मैं ज्यादा ही मजाकिया स्वाभाव का था इसी लिए मुझे उन लडकियो से मिलने जुलने में ज्यादा समय नहीं लगा !
हम लोग सेमेट्री पहुचे वहां से ही सेमेट्री थोड़ी अजीब लग रही थी, सेमेट्री के गेट के अलावा अंदर कोई नहीं था और पेड़ ज्यादा होने की वजह से पक्षियों की आवाज़ भी कभी कभी डरा देती थी , वहा पर बहुत से मकबरे बने हुए है और चारो तरफ कब्र ही कब्र हम सब वहा घुमने लगे और बाकि सब लोगो वहा की कुछ तस्वीरे खीचने लगे  ! मैं आगे आगे चलते हुए सुनसान जगह पर पहुच गया , बाकि सब लोग पीछे रह गए थे कुछ तस्वीरे निकाल रहे थे!
मैं अब भी आगे बढ़ रहा था क्योंकि वहां डरने लायक कुछ नहीं लग रहा था , पर अचानक ही सामने के बेंच पर कोई सफ़ेद कपडे पहने कोई बैठा लग रहा था मुझे अब डर लगने लगा था,मैं धीरे धीरे आगे बढ़ रहा था मेरा डर और बढ रहा था धड़कने भी तेज़ी बढ़ रही थी मैंने पीछे से उसे छुआ तो मेरी जान में जान आई क्योंकि बस वो एक पुतला था जो सजावट या यूं कह लीजिये की मुझ जैसे मासूम लोगो को डराने के लिए लगाया था ! वो एक कंकाल जैसा दिखने वाला पुतला था जिसे सफ़ेद रंग के कपडे पहना कर बेंच पर बैठाया हुआ था ! फिर हम लोग अपने होटल वापस आ गये ! मैंने रात में दोबारा जाने की बात की पर कोई जाने को राज़ी नहीं हुआ

      उसी ग्रुप की एक लड़की जिसका नाम रंजना रेड्डी था , शाम को मेरे कमरे में आई और हमने साथ ही नाश्ता किया ! उसका मेरे कमरे में आने का मकसद बाद में मुझे समझ आया जब उसने रात में सेमेट्री जाने की बात कही उसने बताया की उसे वहा की विडियो बनानी थी , पर एक लड़की के साथ उस समय मुझे सही नहीं लग रहा था , मैंने फिर सबसे बात की इस बार सब राज़ी हो गए हमने होटल से कार बुक की और फिर निकल पड़े सेमेट्री की तरफ, सेमेट्री जाने के बाद मेरे किसी दोस्त ने सेमेट्री के अंदर जाने की बात पर हाँ नहीं की उन्होंने कहा की हमे नींद आ रही है हम कार में ही रहेंगे कोई दिक्कत होने पर खबर देना  ,फिर तीन लडकिया और मैं साथ में सेमेट्री में घुसे रात को सेमेट्री भूतिया लग रही थी , आवाज़े भी कुछ अजीब-अजीब सी सुनाई दे रही थी मैं हर जगह टोर्च मारता हुआ घूम ही रहा था की अचानक किसी के गुर्राने की आवाज़ आई ! मैं डरता हुआ चारो तरफ देख रहा था पर कही पर कुछ नहीं था पर आवाज़ लगातार आ रही थी तभी अचानक रंजना के चिल्लाने की आवाज़ आई देखा तो वो परेशान और डरी लग रही थी बिना कुछ बताये होटल जाने की जिद्द करने लगी !   हम लोग उसे लेकर होटल आये उसे बुखार था वो रात को मेरे ही कमरे में रुकी मैंने उसे  दवाएं दी और सुला दिया ! सुबह उसने बताया की उसने वहा किसी अजीब से दिखने वाले आदमी और औरत को देखा था ! पर ये बात किस हद तक सच है ये रंजना ही जानती है, पर उसकी बनाई हुई विडियो में कुछ ऐसा ना दिख रहा था न कुछ समझ आ रहा था !                                                        

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