संघर्ष बिना कुछ भी नहीं, कर्म और किस्मत !

इस संसार में एक बात अनोखी है की इस संसार में क्षमताये सभी के पास समान है और क्षमता के अनुरूप काम का स्तर अधिक बढ़ कर है इसी कारन हर स्तर और हर उम्र का आदमी संघर्ष करता रहता है ,चाहे वह छोटा बच्चा हो या बड़ा !
चाहे छोटे पद पर हो या बड़े पद पर हो ,संघर्ष हर  स्तर पर है !इस दुनिया का कोई भी काम ऐसा नहीं है जो किसी भी आदमी की क्षमता से बढ़कर हो! जो आदमी जितनी मेहनत करता है वो खुद में उतना निखार  लेके आता है  लोग अपनी हाथो की रेखाओ पर अपनी मेहनत से ज्यादा भरोसा करते है !  किसी ने कहा है की हाथ की रेखा मेहनत करने के साथ साथ गहरी होती है
आज कल के नौजवान लोग किस्मत पर ज्यादा भरोसा करने लगे है कर्म पर नहीं करते उनको ये लगता है जो उन्हें आता है वो बहोत ज्यादा है! आज जो उनके लिए काम कर रहा है वो उनके लिए उनसे कमजोर या कम पढ़ा लिखा है पर सच तो यह है दोस्तों की दुसरो को छोटा समझने वाला खुद बहुत छोटा है ! वो नहीं सोचते की वो जो आपके लिए काम कर रहा है वो अपने जीवन में संघर्ष कर रहा है और जो उनके लिए काम कर रहा है वो भी उस संघर्ष को सही समय पर करता तो शायद आज उसकी जगह बैठा होता !
मैं आज आपको किस्मत और कर्म की कहानी सुनाना चाहता हूँ अगर अच्छा लगे तो कमेंट में जरूर बताये !ये कहानी बेशक लोगो द्वारा बनायीं गयी है पर इसका एक बहुत बड़ा मतलब निकलता है !
एक बार कर्म और किस्मत (भाग्य) दोनों ही आपस में लड़ने लगे ! दोनों के आपस में लड़ने की वजह यह थी की कर्म का मानना था की मैं बड़ा हूँ और किस्मत (भाग्य) का मानना था की मैं ! दोनों की लड़ाई जब बहुत ज्यादा बढ़ गयी तो दोनों ने सोचा की इसका फैसला करना असंभव है की हम दोनों में से कौन बड़ा है आपस में विचार विमर्श हुआ दोनों ने फैसला लिया की कोई महात्मा या संत ही बता सकते है की कौन बड़ा है !
दोनों एक महात्मा के पास पहुचे वहा दोनों ने अपने अपने विचार रखे ! दोनों को लड़ता हुआ देख महात्मा जी हसते हुए बोले की दोनों कल स्नान करके खाली पेट यहाँ आना तब ही फैसला होगा की तुम दोनों में से कौन बड़ा है !
अगले दिन दोनों स्नान करके खाली पेट वहा पहुचे ! दोनों को देख महात्मा जी मुस्कुराये  उनको मुस्कुराता देख दोनों ने प्रशन किया  की वो मुस्कुरा क्यों रहे है ! उन्होंने जवाब दिया आशा करता हूँ आप लोगो की जो परीक्षा ली जाएगी उसे आप लोग सफलता पूर्वक पास कर पाएंगे !
ऐसा कह कर महात्मा ने दोनों को एक खाली कमरे में बंद कर दिया और कहा शाम तक आप को यही रहना है आपको आपके प्रशन का उत्तर यही पर शाम तक मिल जायेगा ! दोनों ने सोचा ये कैसी परीक्षा है हमारी और इस से कैसे पता चलेगा की हम दोनों में से कौन ज्यादा प्रभावी या बड़ा है!
दोनों कमरे में बंद रहे जैसे-जैसे समय बीत रहा था उनकी भूख उनपर हावी होने लगी थी कर्म ने किस्मत को कहा की चलो देखते है कमरे में कुछ है क्या? किस्मत ने कहा मैं नहीं जाऊंगा किस्मत में होगा तो मुझे जरूर मिलेगा पर कर्म ढूंढने लगा !
कमरे में एक मटका रखा था कर्म ने अपनी मेहनत से मटका ढूंढ लिया ! अंदर देखा तो  उसमे फुले हुए चने रखे थे  कर्म तो बड़े चाव से खाने लगा पर किस्मत उसको बस देख रहा था और भूख उसपर हावी हो रही थी ऐसा उसको देख कर पता चल रहा था ! चने में जितने कंकर निकल रहे थे कर्म वो किस्मत को दे रहा था ! किस्मत उसे अपने पास रख रहा था जैसे-तैसे शाम हुई  महात्मा जी ने कमरे का द्वार खोला देखा की कर्म ख़ुशी से बैठा है और किस्मत भूख से व्याकुल है !
दोनों ने पूछा की महात्मा जी अब बताये की कौन बड़ा है ? किस्मत को लगा की मैं सहनशील था तो जीत मेरी हुई होगी !
मुझे पता है दोस्तों आप लोग सोच रहे होंगे की यहाँ जीत कर्म की हुई होगी पर हुआ कुछ और था !
महात्मा ने पूछा कर्म ने क्या किया तो कर्म का जवाब साफ़ था  उसने अपनी मेहनत से वो मटका ढूंढा और चने खा कर पेट भरा  ! अब समय था किस्मत से पूछने का किस्मत से पूछने पर किस्मत ने बताया की मैंने बस वो कंकर एकत्रिक किये है जो कर्म ने मुझे मजाक बनाकर दिए थे !
अब समय आ गया था उत्तर देने का की दोनों में से कौन बड़ा है महात्मा ने कहा “ कर्म ने अपनी मेहनत से मटका ढूंढ कर पेट भरा था तो कर्म बड़ा हुआ पर जिस चीज़ को कंकर समझ कर कर्म ने किस्मत को दिया वो हीरा था” कर्म और किस्मत दोनों भौच्चके रह गए  !
महात्मा ने बोला कर्म लोगो का पेट भरता है और किस्मत जेब ! अगर इन्सान कर्म करेगा तो उसकी किस्मत जरूर खुलेगी !
तो दोस्तों मेरा आपको यह कहानी सुनाने का मकसद यह था की आप लोग समझ पाए की ”कर्म से किस्मत बनती है” अगर उस दिन कर्म भी किस्मत की तरह बैठा रह जाता तो ना चने मिलते ना हीरे !
आपको ये कहानी कैसी लगी मुझे कमेंट में जरूर बताये आगे भी ऐसी कहानिया लाता रहूँगा !

धन्यवाद !!!

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

कौन थे महान चाणक्य ?

STORY OF SOUTH PARK STREET CEMETRY

HOW TO AVOID EDUCATION BURNOUT