अधुरा यतीम
नमस्कार दोस्तों उम्मीद करता हु ठीक ही होंगे आप सब आज काफी दिनों बाद एक आँखों देखी कहानी लेके आया हु और कहानी है एक ऐसे शक्स की जो मेरा बहुत करीबी है और हमेशा जीवन में परेशानियो से घिरा हुआ है उम्मीद करता हु आप सबको पसंद आएगी और आप सब मेरी ही तरह कुछ सीख पाएंगे ! 9 अगस्त 1998 को एक ट्रस्ट या कह लीजिये अनाथ आश्रम के बाहर एक बच्चा रो रहा था जिसकी आवाज़ उस बरसात की रात में किसी को सुने नहीं दी ना उस मासूम का दर्द किसी को दिखाई दिया! आधी रात में उस आश्रम की एक महिला जो उस अनाथ आश्रम की प्रमुख थी बाहर आई और उस बच्चे को अन्दर लायी और इंतज़ार करने लगी की किसी दिन शायद कोई उसकी जानकारी लेके आयेगा और उसे लेके जायेगा पर काफी दिन बीत गये और किसी ने उस बच्चे की खोज खबर नहीं ली और उस महिला ने उस बच्चे को खुद ही पालने का फैसला किया उस महिला का नाम था MOTHER HEYZI ! पहले से उस आश्रम में 58 बच्चे थे एक और जुड़ गया एक नामकरण समारोह आयोजित किया गया उस नन्हे मेहमान के लिए और CYRUS STEPHEN नाम दिया गया ! अनाथ आश्रम को न कोई सरकार पैसे देती थी ना और ना कोई दानवीर आया जिससे आश्रम के बच्चे...